अगर हमारे ही दिल में ठिकाना चाहिए था चलो हमी सही सारी बुराइयों का सबब अगर नसीब में तारीकियाँ ही लिक्खी थीं मोहब्बतों को छुपाते हो बुज़दिलों की तरह जहाँ उसूल ख़ता में शुमार होते हों लगा के बैठ गए दिल को रोग चाहत का |
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अगर हमारे ही दिल में ठिकाना चाहिए था चलो हमी सही सारी बुराइयों का सबब अगर नसीब में तारीकियाँ ही लिक्खी थीं मोहब्बतों को छुपाते हो बुज़दिलों की तरह जहाँ उसूल ख़ता में शुमार होते हों लगा के बैठ गए दिल को रोग चाहत का |